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Election in India Thought of The Author


निर्वाचन एक उत्सव : लोकतंत्र

SK Creations Sohan MaliⓈ⚡


निर्वाचन प्रक्रिया देश का एक ऐसा उत्सव है जिसमे देश का भविष्य निर्धारित होता है।
इस उत्सव में हमे बढ़चढ़कर भाग लेना चाहिए और किसीके उकसावे ,बहकावे में आये बिना ही हमे अपने मत का सही प्रयोग करना है।
हम आम जनता है हमारे लिए किसी पार्टी से ज्यादा हमारे देश हित के बारे में सोच समझकर फैसला करना चाहिए ताकि देश को एक सुरक्षित भविष्य मिल सके और देश निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो।
हमे किसी पार्टी या नेता से नही बल्कि देश से मोह होना चाहिए और अपने मत का प्रयोग उसी के लिए हो जो सिर्फ देश हित और सभी वर्ग को साथ लेकर चले जो सर्वधर्म ,सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना को साथ लेकर चले और अपने निजी स्वार्थ को छोड़कर देश के प्रति कर्तव्य निभाये ।
हम आम जनता को इस उत्सव में अपने आपसी मतभेदों को भुलाकर ,ओर बिना कोई आपसी मतभेद किये देश हित मे फैसला लेना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि :- अगर आप ये सोच लो कि में तो अकेला हु ओर एक मत से क्या फर्क पड़ता है तो आपको याद रहना चाहिए कि जब बारिश होती हैं तो बून्द बून्द से होती है और इस हर एक बूंद का उतना ही महत्व होता जितना हर बून्द का होता है और यही बूंदे नदी ,तालाबो ओर समुद्र का रूप ले लेती  है। 




इसी प्रकार आपको भी देश हित के लिए नदिया बहानी है और देश को प्रगति और विकसित अटल ,समृद्ध, समुद्र बनाना है।
आपका एक मत करेगा राष्ट्र हित


की भावना को सँजोकर इस उत्सव में अपना योगदान सुनिश्चित करे ।
आप एक शिक्षित और सफल मतदाता होतो आपका अपने स्वविवेक से अपने मत का उपयोग करना है बिना किसी दबाव और बहकावे में आये ।

ये आपका स्वतन्त्र अधिकार है।और देश के लिए अपना कर्तव्य है

व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी



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भारतीय निर्वाचन आयोग

कानून और न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद इस वर्ष के समारोह 'सुलभ चुनाव' विषय के चारों ओर घूमते हैं, जिसने निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक समावेशी और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में काम करने की ईसीआई की खोज को व्यक्त किया।


 हम 2011 से हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहे हैं। इसका उद्देश्य हमारे मतदाताओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। और यही कारण है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस दिन की प्रासंगिकता और भी स्पष्ट है।  "हमारा संविधान एक स्वतंत्र चुनाव आयोग को अधिकार देता है। और हमारी चुनाव प्रक्रिया समानता और स्वतंत्रता के अधिकार के साथ हर वोट महत्वपूर्ण बनाती है। ऐसे भारतीय लोकतंत्र को परिपक्वता और स्थिरता के लिए दुनिया के माध्यम से जाना जाता है।" विकसित देशों ने अपने नागरिकों के मताधिकार के अधिकार को सौंपने के लिए कई सालों का समय लिया, जबकि भारतीय संविधान ने भारतीय नागरिकों को एक स्ट्रोक में अधिकार दिया।

 पहल मतदाताओं के साथ हमारे आदर्श वाक्य 'नो मतदाता को पीछे छोड़ने' के अनुरूप मतदान केंद्र स्तर पर मतदाताओं के साथ जुड़ने की दक्षता और प्रभावकारिता के लिए सोशल मीडिया समेत प्रौद्योगिकी और मीडिया को एकीकृत करती है।

             वर्ष 2018 के लिए 'पहुंच योग्य चुनाव' विषय के अनुरूप, एक चुनावी सम्मेलन कल 'चुनावी प्रक्रियाओं में विकलांग व्यक्तियों को शामिल करने' पर आयोजित किया गया था। 



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