करजू
चाँद के साज पर रात गाती रही
पूजा पाटीदार
पूजा पाटीदार करजू
मीरा
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pooja karju
Meera New Author on हिंदी साहित्य वेबदुनिया
नए जमाने की नई कलम से....................
MeeRa ( Pooja) हिंदी साहित्य वेबदुनिया का नया प्रकाशन चाँद के साज पर गाती रही | मैं तुुझे धड़कनो में समाती रही || चाँद के साज पर रात गाती रही , मैं तुझे धड़कनो में समाती रही | तेरी यादों में जो हम खो जाते है ,तो खुद से ही खुद दूर हो जाते है |
तेरे होतो की ये जो हंसी है सनम ,
मेरे दिल को मुझि से चुराती रही |
चाँद के साज पर रात गाती रही ,
मैं तुझे धड़कनो में समाती रही |
मेरी आंखों ने जो ये नजाकत करी,
मेरी ही जिंदगी की ये आफत बनी |
मेरे ख्वाबो में जो एक चेहरा छुपा,
में उसे इस जंहा से छुपाती रही |
चाँद के साज पर रात गाती रही ,
मैं तुझे धड़कनो में समाती रही | तेरे चेहरे में ये जो छुपा राज है, इस बात पर चाँद नाराज है |
तेरे बांहो के सागर में खो जाने को ,
खुद को मे दरिया बनाती रही |
चाँद के साज पर रात गाती रही ,
मैं तुझे धड़कनो में समाती रही | |
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